झारखण्ड के स्वतंत्रता सेनानी

     बिरसा मुंडा 
 जन्म : 15 नवम्बर , 1875
स्थान : उलिहातू  (तमाड़ )
पिता : सुगना मुंडा
माता : कदमी मुंडा
गुरु : आनंद पाण्डेय
जाति : मुंडा
प्रारंभिक शिक्षा : जर्मन चर्च से संचालित विधालय
प्रारंभिक सक्रियता : छात्र जीवन में चाईबासा में चल रहे भूमि आंदोलन में शामिल
विद्रोह का क्षेत्र :राँची , सिंघभूम
विद्रोह का मुख्यालय : खूँटी
बिरसा मुंडा में सहयोगी : गया मुंडा (सेनापति )
                                     सोमा मुंडा (धार्मिक , सामाजिक शाखा प्रमुख )
                                     डोंका मुंडा (राजनीतिक शाखा प्रमुख )
मुंडा विद्रोह के कारण : राजस्व दर ऊँचा होना। , ईसाई मिशनरियो की दोषपूर्ण नीति , जमींदारों व साहूकारों की शोषक नीति
विद्रोह का महत्व : 1908 में छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट बना
                            .गुमला एवं खूँटी अलग अनुमंडल बना।
                            राँची जिला का सर्वेक्षण
                            जबरन बेगार  (बैठ बेगारी )  
बंदी गृह : राँची
मृत्यु : 9 जून 1900 को रांची जेल में हैजा के कारण।




तिलका माँझी :

  • तिलका माँझी का जन्म एक संथाल परिवार में 11 फरवरी 1750 ई. को सुल्तानगंज थाने के तिलकपुर गांव में हुआ था।  1771 ई. से 1784 ई. तक ये अंग्रेजी शासन के विरुद्ध संघर्षरत रहे। 
  • उन्होंने कर वसूली के विरोध में विद्रोह का नेतृत्व किया।  
  • इस दौरान इन्होने ब्रिटिश दमन का कड़ा प्रतिरोध करते हुए 13 जनवरी , 1784 को तीर चलाकर क्लीवलैंड की हत्या कर दी।  
  • संसाधनों की कमी के कारण इन्हे अंग्रेजी सेना ने पकड़ लिया और उन्हें 1785 में उन्हें फाँसी दे दी गयी। 
  •                                                                                                                                                                                                                         

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