खड़िया समाज का पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था
खड़िया समाज भी मुंडाओं की एक शाखा है। पर इसने मुंडाओं से भाषा-संस्कृति एवं स्वशासन की अपनी विधि अपनाई है।
खड़िया तीन प्रकार के है-
1 . दूध खड़िया
2 . उलकी खड़िया
3 . पहाड़िया खड़िया या शबर खड़िया
तीनो के स्वशासन के पद नामो में कुछ अंतर है। इनका ग्राम पंचायत अपने ढंग का होता है।
1 . पहाड़िया खड़िया
- डंडिया - पहाड़ी खड़िया गांव के प्रधान या शासक को डंडिया कहा जाता है।
- डिहुरी - पहाड़ी खड़िया गांव के दूसरे प्रधान व्यक्ति को डिहुरी कहते है , यही गांव का पुजारी होता है। यह पूजा-पाठ , पर्व-त्योहारो में मुख्य भूमिका निभाता हैं। साथ ही यह डंडिया का भी सहयोग करता है। 2 से 3 दूध खड़िया और ढ़ेलकी खड़िया - इन दोनों
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