मांझी परगना / संथालो की स्वशासन व्यवस्था
'संथाल ' झारखण्ड के प्रमुख आदिवासियों में से है। वैसे तो झारखण्ड के विभन्न भाग में है लकिन अधिकतर संथालो का निवास स्थान संथाल परगना है। नवीनतम जनगणना के अनुसार संथालो की जनसंख्या 24 लाख है। जो की झारखण्ड के आदिवासियों में सबसे ज्यादा है.
संथालो की शासन व्यवस्था बहुत प्राचीन है। अपने सामाजिक जीवन को चलाने के लिए प्रत्येक गांव में प्रशासकीय एवं धार्मिक प्रधान होते है। :
1 . मांझी , 2 .प्रानीक, 3 . जोग मांझीपरगनैत
4 . गोडाईट , 5 . जोग प्रानीक , 6 . भाग्दो प्रजा , 7 . नायके , 8 . कूड़ाम नायके , 9 . लासेर टैंगोय, 10 . देश मांझी , 11 . परगनैत ,12 . सुसारिया , 13 . चौकीदार , 14 . दिसोम परगना
1 . मांझी - मांझी गांव का प्रधान होता है। यह गांव के आंतरिक एवं बाह्य दोनों प्रकार के व्यवस्था हेतु गांव का प्रतिनिधित्व करता है। मांझी गांव का प्रशासनिक एवं न्यायिक मुखिया होता है। तथा उसे लगान लेने का अधिकार है।
2 . प्रानीक - प्रानीक भी गांव का एक प्रमुख सदस्य है। इन्हे उप मांझी कहा जा सकता है। मांझी के अनुपस्थिति में प्रानीक ही मांझी का काम देखता है प्रानीक किसी अपराध के मामले में दंड निश्चित करता है और उसे सभी को मानना पड़ता है।
3 . जोग मांझी -जोग मांझी, मांझी का उप सचिव है। गांव के शादी-विवाह का हिसाब किताब जोग मांझी के पास रहता है। ये युवा लोगों का नेता भी होता है। शादी-विवाह में युवा लड़का- लड़की का नेतृत्व भी करता है। शादी-विवाह में जो भी विवाद होते है उन्हें निर्णय सुनाता है।
4 . गोडाईत - गोडाईत , मांझी का सचिव के रूप में काम करता है। मांझी के कहने पर वो गांव वालो को गांव में बैठकी के लिए ग्रामीणों को सूचित करता है। इसके आलावा पूजा-पाठ में खजांची का काम कर्त है। चंदा इकठ्ठा करता है। पर्व-त्योहारों के बारे में गांव वालो को सुचना देता है। गोडाईत को पुरे गांव की जनसंख्या तथा परिवार की जानकारी रहती है।
5 . जोग प्रानीक - जोग प्रानीक उप जोग मांझी है। जो मांझी के अनुपस्थिति में प्रानीक का कार्य भार सम्भालता है।
6 . भाग्दो प्रजा - भाग्दो प्रजा गांव के प्रमुख सज्जन है जो गांव के प्रत्येक मामले में विचार-विमर्श के लिए सभा में उपस्थित रहते है। प्रत्येक टोला में एक या दो हो सकते है।
7 . नायके - नायके गांव के धार्मिक पूजा-पाठ को संपन्न कराता है। तथा धार्मिक अपराधों के मामले में अपना फैसला सुनाता है। ये गांव के अंदर जितने भी देवी-देवताओ है उसका पूजा-पाठ करता है।
8 . कुडाम नायके - कुडाम नायके उप नायके है। गांव के बाहेर जितने भी देवी-देवता है। उसका पूजा-पाठ करता है।
9 . लासेर टैंगोय - लासेर टैंगोई संगठनात्मक प्रमुख होता है। जो ग्रामीणों को बाहरी हमलो से सुरक्षा प्रदान करता है।
10 . देश मांझी - पांच से आठ गाँवो के मांझियों को 'देश-मांझी' कहा जाता है। यदि किसी मामलो का फैसला मांझी नहीं कर सकता है तो उस मामलो को देश मांझी के पास लाया जाता है। और पांच से आठ मांझी मिलकर मामला का फैसला करते है।
11 . परगनैत - 15-20 गांवो के बिच एक परगनैत होता है। यह गांवो के मांझीओ का प्रधान होता है। जिस मामला को मांझी द्वारा देश-मांझी के पास लाया जाता है और जब देश मांझी नहीं निपटा सकता है तो उस मामलो को परगनैत के पास सम्बंधित गांव के मांझी द्वारा लाया जाता है।
12 . सुसारिया - ये सभा को सुचारु रूप से चलता है। ये पद सभी एरिया में नहीं है।
13 . चौकीदार - यह मांझी के आदेश से अपराधी व्यक्ति को गिरफ्तार करता है यह पद पारम्परिक नहीं है।
14 . दिसोम परगना - कुछ क्षेत्रों में सभी परगनैतों के ऊपर एक 'दिसुम परगना' होता है। जब कोई मामला परगनैतों द्वारा नहीं निपटाया जाता है। ऐसे मामलो को दिसुम परगना के सभा में निपटाया जाता है।
MirulalMurmu
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